June 3, 2023

भारतीय सेना में अफसर रह चुके धिल्लो साहिब ने सेवानिवृत्त होने के बाद अपनी एक किताब लिखी है जिस किताब का नाम है ‘कितने गाज़ी आये कितने गाजी गए ‘।उन्होंने अपनी इस किताब में कई सनसनीखेज दावे और खुलासे किए हैं अभी तक प्रकाश एवं खबर में ना आए तथा किसी की संज्ञान में न रहने वाली कई खबरों का उन्होंने इस किताब के जरिए खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पुलवामा अटैक होने के भीतर ही कुछ ही दिनों में पुनः आतंकवादी एक और आत्मघाती हमले की साजिश करना चाहते थे लेकिन सेना की सतर्कता एवं सेना के सैनिकों के जोश एवं त्याग के दम पर इस को टाल दिया गया गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को भारत एवं पाकिस्तान के बॉर्डर पर कश्मीर में स्थित पुलवामा में डीआरएक्स पंप के जरिए भारी आतंकवादी हमला किया गया था। जिसमें एक बस में यात्रा कर रहे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह पाकिस्तान की एक बहुत बड़ी सोची समझी साजिश थी जिसके जरिए भारतीय सेना में दहशत फैलाना उनका मूल मकसद था ।उसके 10 दिन के भीतर वे पुनः एक आत्मघाती हमला करके भारतीय सेना में डराना चाहते थे जिसका खुलासा अब पूर्व सेना में अफसर रह चुके ढिल्लों साहब ने अपनी किताब कितने गाजिया एवं कितनी गाजी गए में किया है।

उन्होंने बताया कि कैसे सेना की सतर्कता एवं सेना के ध्यान देने से एक रात संयुक्त टीमों की बैठक के बाद इन आतंकवादियों को चिन्हित करके उनके ठिकानों पर हमला करके इन्हें हम बलों एवं आत्मघाती आतंकवादी हमलों से भारतीय सेना को एवं कश्मीरी नागरिकों को बचाया गया ।यह एक बहुत संवेदनशील मामला था इसमें थोड़ी सी लापरवाही या फिर अनुशासनहीनता से भारी नुकसान हो सकता था ।जिसमें भारतीय सेना एवं सभी अधिकारियों ने बेहद चौंकाने रहकर सावधानी से मिशन को अंजाम दिया था।

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