
भारतीय जनता पार्टी को लगा भारी झटका ,विधानसभा चुनावो में दक्षिण भारत से पूरी तरह साफ हुई भाजपा:
आज की तारीख 13 मई राजनीतिक मायनों में कई तरीके से खास थी।जहां कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे को घोषित होना था तो वहीं पर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में निकाय और मेयर चुनाव का परिणाम आना था।
सुबह से ही सभी पार्टियों में जोश था एवं सभी दलों के नेताओं में पूर्ण विश्वास था कि वे भारी मतों से चुनाव जीतेगी । कर्नाटक को लेकर तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पूर्ण आस्वस्त थे क्योंकि जहां भारतीय जनता पार्टी की तरफ से स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिनों तक प्रचार किया था तो वहीं सत्ता के विरुद्ध लहर पैदा करके कांग्रेस ने दलित नेता एवं कर्नाटक के स्थाई मलिकार्जुन खरगे और डीके शिवकुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए तैयार थी ।सुबह जब परिणाम आने शुरू हुए और रुझानों में ही भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से पिछड़ गई जैसा कि एग्जिट पोल में बताया जा रहा था ।भारतीय जनता पार्टी को जहां 35% वोट प्राप्त हुए वहीं कांग्रेस ने 40% से ज्यादा वोट हासिल कर बड़ी बढ़त बनाई ।भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेश से आधी ही सीट जीतने में भी पसीने छोड़ दिए और वस आधे से भी कम रहे।
इस जीत के बाद जहां राहुल गांधी ने इसे कर्नाटक की जनता एवं उनके विकास की चाह की जीत बताया तो वही धर्म जात संप्रदाय की राजनीति को बुरी तरह से मुंह के खाने की बात की।
कांग्रेस के अलावा जेडीएस ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 20 के आसपास सीटें जीत ली हैं जबकि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा पूरी तरह से एकतरफा भारी रहा और लगभग सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल कर ली है। एक या दो सीटों पर ही उसे हार का सामना करना पड़ा है जहां बसपा एवं अन्य पार्टियों को जीत मिली है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सर्वाधिक दिन कर्नाटक में ही बिताए थे और उसका परिणाम अब कांग्रेश को मिल रहा है। दक्षिण भारत पूरी तरह से भाजपा मुक्त हो गया है और दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है और यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है।