June 3, 2023

साल भर के अधिक समय से चल रहा इन दो देशो के बीच युद्ध,एक देश खत्म होने की कगार पर फिर भी नही मान रहा हार,जाने पूरी कहानी:

रूस और यूक्रेन के बिच संघर्ष को देश साल होने वाले हो गए है।दोनों के बीच खुनी संघर्ष जारी है।जिसका परिणाम पूरी दुनिया महंगाई के रूप में भुगत रही है,लेकिन आज तक इन दोनों में न कोई विजयी हुआ है न कोई हार मन रहा है।

रूस यूक्रेन युद्ध के कारण–

2014 में यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यनुकोविच के निर्वाचन में असंतुष्ट होने वाले लोगों ने राजधानी की केंद्रीय मैदान पर प्रदर्शन किया। इसके बाद रूस ने उत्तरी क्रीमिया को अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद यूक्रेन सरकार और रूस सरकार के बीच संघर्ष शुरू हुआ।

यह संघर्ष बाद में दोनों दलों के समर्थकों के बीच सशस्त्र संघर्ष में बदल गया। रूस समर्थकों के समर्थन में, रूस ने पूर्वी यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई की। यूक्रेन सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया दी और संघर्ष बढ़ता गया।

यह संघर्ष दोनों दलों के बीच उल्टे-सीधे करारों के साथ जारी रहा है। अन्ततः, यूक्रेन सरकार और रूस सरकार के बीच 2015 में मिनस्क के समझौते के माध्यम से एक समझौता हुआ, जिसमें दोनों दलों के समर्थकों की बाधाओं को हटाने के लिए कुछ कदम उठाए गए। हालांकि, संघर्ष अभी भी जारी है।

अलग अलग चरण-

रूस यूक्रेन युद्ध 2014 से चल रहा है। इसकी शुरुआत क्रिमिया में रूस के सैनिकों द्वारा की गई थी, जो कि उस समय यूक्रेन के हिस्से में थी। इसके बाद, दोनों देशों के सेनाओं के बीच मुख्य लड़ाई हुई, जिसमें कई सैनिकों की मौत हुई।

इसके बाद, रूस समर्थित सेपरेटिस्ट ग्रुप्स ने दोनों देशों के बीच सीमा पर कई जगहों पर कब्जा कर लिया। यह संघर्ष मुख्य रूप से दोनों देशों के समर्थन में होता है, जहां प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष के समर्थन में खुले रूप से शामिल है।

इस संघर्ष के दौरान, रूस के सेना ने उक्रेन के दक्षिणी हिस्से में एक विस्तृत आक्रमण शुरू किया, जिसमें कई लोगों की मौत हुई और कई लाख लोग घरों से भागने को मजबूर हुए।

इसके बाद, दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा, जिसने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर असर डाला। वर्तमान में, संघर्ष जारी है, और दोनों देशों के सेना अपनी-अपनी सीमाओं पर तैनात हैं।

अन्य देशो की प्रतिक्रिया-

अन्य देशों ने रूस यूक्रेन युद्ध के बारे में विभिन्न प्रतिक्रियाएं जारी की हैं। कुछ देशों ने रूस को इस संघर्ष के लिए दोषी ठहराया है, जबकि कुछ देशों ने उक्रेन का समर्थन किया है।

अमेरिका ने रूस के कार्रवाई को अस्वीकार करते हुए, उक्रेन का समर्थन किया है और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, यूरोपीय संघ ने भी रूस के कार्रवाई को अस्वीकार करते हुए, उक्रेन का समर्थन किया है।

चीन ने दोनों देशों से संबंधित विवादों के मामले में निष्पक्षता का संदेश दिया है। भारत ने भी दोनों देशों के बीच संघर्ष के लिए संबंधों को सुधारने की अपील की है।

रूस के समर्थन में कुछ देशों ने भी अपनी राय जताई है, जैसे कि इरान, सीरिया, वेनेजुएला और चीन के कुछ नेताओं ने रूस का समर्थन किया है।

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