
नई शिक्षा नीति में घोषणा कक्षा दो तक छात्रों को लिखित परीक्षा देने की नहीं जरूरत-
जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में बनी है तब से शिक्षा में भी कुछ आमूलचूल परिवर्तन करने की बात कही जा रही थी ।तो वही करोना मैं सरकार के शिक्षा के नए तरीको का खाका तैयार किया और उसके बाद 2021 में नई शिक्षा नीति लेकर आए जिसको 2024 से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है और इसका कुछ अंश 2023 में ही लागू कर दिया जाएगा।
नए नियमों में बदलाव के स्वरूप पर दसवीं को बोर्ड को हटा दिया गया है तथा ग्रेजुएशन को 3 की जगह 4 साल का कर दिया गया है ।जहां पहले साल पर सर्टिफिकेट दूसरे साल पर डिप्लोमा व तीसरे व चौथे साल में डिग्री प्रदान की जाएगी।
बोर्ड को केवल कक्षा 12 के लिए रखा गया है जबकि दसवीं के बोर्ड को हटा दिया गया है और इसी तरह के कुछ बड़े परिवर्तन करके शिक्षा को पूरी तरह से नए रुप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इन्हीं प्रयासों में सम्मिलित है कि बोर्ड ने कहा है कि कक्षा दो तक पढ़ रहे छात्रों को लिखित परीक्षा देने की जरूरत नहीं है तथा उसका मानसिक दबाव बढ़ता है ।इसलिए उसके मौखिक परीक्षा लेकर उनको नंबर ना देकर ग्रेडिंग की जाए जिससे कि उनमें मानसिक दबाव की स्थिति ना बने नहीं तो इतनी कम उम्र के बच्चे ऐसी चीजों को झेल नहीं पाते।