
हाल ही के दिनों में राजनीतिक गलियारों में विपक्ष एवं सत्तारूढ़ बीजेपी के बीच भारी तनातनी चल रही है ।जहां सभी विपक्षी पार्टियां भाजपा पर तानाशाही करने का आरोप लगा रही है। तो वही बीजेपी अपने आप को लोकतांत्रिक पार्टी सिद्ध करने में एड़ी चोटी का दम लगा रही है।
बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वयनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी पर विदेशों में भारत का अपमान करने का आरोप लगाया एवं माफी मांगने की बात कही तो वहीं पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है,जिससे कि भारत का अपमान हो। बल्कि पूरे भारत की मौजूदा लोकतंत्र की हत्या के बारे में दुनिया को अवगत कराने का प्रयास किया है। जिसको लेकर वे संसद में बोलने के लिए ओम बिरला जो कि लोकसभा स्पीकर हैं उनसे अनुमति चाहते थे ।लेकिन ओम बिरला ने अनुमति देने से साफ-साफ इंकार कर दिया ।उसके बाद सन् 2018 में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए पूरे मोदी समाज पर टिप्पणी कर दी थी ,जिस को संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उनको 2 साल के लिए मानहानि के केस में सजा सुनाई है। जबकि 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी है। जिसके बाद कांग्रेश गुस्से में है एवं देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है एवं विरोध दर्ज करा रही है तथा उसे सभी विपक्षी पार्टियों का भी सहयोग मिल रहा है।
कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने कहा है कि संसद भवन में एक बार नरेंद्र मोदी ने उनकी तुलना शूर्पणखा से की थी जबकि एक बार सोनिया गांधी को बीजेपी नेता ने जर्सी गाय कहके संबोधित किया था।अब बीजेपी के खिलाफ व् मोदी के खिलाफ रेणुका चौधरी ने भी मानहानि का केस करने की धमकी दी । उन्होंने कहा है कि देखते हैं अब न्ययालय कितनी जल्दी फैसला सुनाता है और क्या नरेंद्र मोदी की सदस्यता रद्द करके उनको भी सजा होगी..?
इसके पहले भी विपक्ष हमेशा से नरेंद्र मोदी और अडाणी के संबंधों को लेकर सवाल उठाता रहा है चाहे वह आम आदमी पार्टी के संजय सिंह हो अथवा कांग्रेस के राहुल गांधी भी अपनी पूरी मुखरता के साथ अडानी और मोदी के रिश्तो पर सवाल उठाते रहे हैं और एक बार फिर यह मुद्दा गरम हो गया है। इसी बीच राहुल की सदस्यता जाना विपक्षी एकता को और मजबूत बना रहा है।