June 3, 2023

लड़कों एवं लड़कियों के टीनएज में आने यानी कि 16 साल से बड़े होने पर शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलते हैं।पुबर्टी में प्रवेश करने पर लड़कों को दाढ़ी मूछें आने लगती है तथा आवाज भारी होने लगती है। जबकि लड़कियों की आवाज पतली होने लगती है तथा उनके भी जननांगों के आसपास बाल आने लगते हैं।

लड़कों की teenage में प्रवेश करने का सबसे पुख्ता प्रमाण दाढ़ी मूछों का आना ही माना जाता है ।लेकिन कई बार हार्मोन डिस बैलेंस होने के कारण लड़को में दाढ़ी मूछ नहीं आती तथा देर से आती है और कई कई को बहुत कम आती है ।जबकि कई बार हार्मोनल असुंतलन के कारण ही महिलाओं में दाढ़ी मूछ देखने को मिलती है ।ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां महिला को दाढ़ी मूछ है तथा वह महिला इसको बिना शर्माए रखती है तथा इसके रखने में उसको कोई दिक्कत नहीं है ।आईये जानते हैं क्या है पूरा मामला…
मूछ रखने वाली इस महिला का नाम शायजा है वह कन्नूर जिले की रहने वाली हैं जो कि केरल में स्थित है। इस महिला ने इंटरव्यू में बताया कि पहले दाढ़ी मूछ के लिए उस महिला का बड़ा मजाक बनाया गया था तथा प्राकृतिक रूप से इस महिला की मूंछे बड़ी होने लगी थी जिसे बार-बार साफ करने पर भी आ जाती थी ।उस महिला ने बाद में तंग आकर दाढ़ी कटवाना ही छोड़ दिया तथा लोगों की सभी बुराइयां तथा कही गई बातों का उन्होंने ध्यान देना ही छोड़ दिया और वह मुछ रखने लगी थी ।अब इसके साथ ही बाहर घूमती चलती है तथा उनको इसमें कोई शर्म नहीं आती।
शायजा बताती हैं कि शुरू शुरू में उनके चेहरे पर अन्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा बाल थे तथा उसकी थ्रेडिंग करती थी तथा सेविंग करती थी ,लेकिन मुंह के अपर लिप्स के ऊपर यानी मूंछों को वह नहीं काटती थी तथा वे धीरे-धीरे इसको रखने लगी और कुछ समय उपरांत वे बाल मोटे होने लगे। मूंछों का रूप ले लिए अब वे बताती हैं कि वे इसके साथ पूरी तरह से कंफर्टेबल है तथा मूंछ को रखने को लेकर पूरी तरह खुश हैं। तथा वे अपनी मूंछों के बिना रहने की कल्पना तक नहीं कर सकती। उन्होंने ने बताया कि कोरोनावायरस के दौरान मुझे मास्क पहनना भी पसंद नहीं था क्योंकि मास्क लगाने के दौरान के दौरान मेरी मूछें ढक जाती थी उस दौरान कई लोगों ने मुझे मुछ कटवाने के लिए भी कहा लेकिन मैंने नहीं कटवाया अब मैं अपनी मूंछों के साथ बहुत खुश हूं तथा मैं अपनी मुंछ कभी नहीं कटवा पाऊंगी।

शायजा का परिवार उनको मूछों को लेकर पूरी तरह उनका समर्थन करता है तथा उनकी बेटी कहती है कि शायजा मूछों के साथ काफी ज्यादा सुंदर लगती है तथा अभी भी रोड पर ऐसे ही घूमती हैं लोगों ने कई बार सड़कों पर उनको मूंछ हटाने की बात कही।ताने भी मारे,लेकिन उन्हें कभी तानों का ध्यान नहीं दिया और भी डट कर सभी लोगों का का सामना करती रही।

शायजा ने कहा कि मेरे पास एक ही जिंदगी है और यह मैं अपने लिए जीना चाहती हूं अगर मेरे पास 2 जिंदगी होती तो मैं 1 लोगों के लिए जी लेती। उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी तक कुल 5 ऑपरेशन करवाएं हैं जिसमें से किस अंडाशय में अल्सर,स्तनों में गांठ तथा कई अन्य ऑपरेशन शामिल है तथा अब इतनी मजबूत हो गई है कि इन्हें किसी भी प्रकार की तानों से कोई फर्क नहीं पड़ता ।वह अपने तरीके से अपनी जिंदगी जी का खुश रहना चाहती हैं।
उन्होंने बताया कि केरल में जब रहती थी तब वे अपने गांव की अन्य महिलाओं की तरह शाम के 6:00 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलती थी तथा तब बेहद शर्म आती थी लेकिन जब उनकी शादी तमिलनाडु में हुई तो वहां उनके पति उनको बेहद खुले स्वभाव के मिले और भी कोई पाबंदी नहीं लगाते थे तथा वे उन्हें बाहर आने-जाने की पूरी परमिशन देते थे ।उसके बाद से सायजा के स्वभाव में परिवर्तन आए।

महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन बढ़ने के साथ ही पुरुषों की तरह महिलाओं के भी जननांगों के आसपास या फिर कहीं जहां जहां पुरुषों के बाल होते हैं वहां वहां महिलाओं के भी बाल आने लगते हैं यही एक विशेष प्रकार के हार्मोनल डिसबैलेंस है तथा इस कोई रोग तथा परेशान होने की बात नहीं है कई कई कई बार कई महिलाओं में देखा जाता है जो कि एकदम सामान्य घटना है तथा हार्मोन के बैलेंस होने के साथ-साथ में ठीक हो जाता है!

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